प्राचीन इतिहास में विश्व गुरु की पदवी को धारण करने वाला भारत देश आज शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ता हुआ लगता हैं , इसमें सुधार और दुरुस्त करने की अति आवश्कता थी। आजादी से पूर्व लार्ड मैकाले द्वारा शिक्षा की पद्धति लाई गयी जिसमें अंग्रेज़ों के स्वार्थ निहित थे। और अब हमारे देश की शिक्षा प्रणाली तथा विदेशों की शिक्षा प्रणाली में काफी अंतर समझ आता हैं। हम जहाँ आज भी पुस्तकीय ज्ञान को प्रमुख मानते हैं तो अन्य देश प्रायोगिक ज्ञान को प्रमुखता देते हैं।
इसके बाद में आजाद भारत में अनेक शिक्षा पद्धति लाई गयी और इससे हमारे देश का शिक्षा स्तर बढ़ता गया। लेकिन फिर भी हमारे विद्यार्थी जहाँ केवल किताबी ज्ञान और बस्ते का बोझ उठा रहे थे तो वही अन्य देश के विद्यार्थी अपेक्षाकृतन्यूनतम पाठ्यक्रम के साथ अपने कौशल में भी वृद्धि कर रहे थे।
अतः इसमें सुधार करने अति आवश्यकता थी। इसे ही ध्यान रखते हुए नयी शिक्षा प्रणाली 2020 भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन के रूप में लायी गयी हैं।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के स्वरूप में ड्राफ्ट नये मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को उनके पदभार ग्रहण करते ही के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा सौंप दिया गया। इस ड्राफ्ट की कुछ विशेषताएँ निम्न हैं -
- नयी शिक्षा निति के अनुसार शिक्षा के अधिकार को और भी व्यापक बनाना हैं जिसमे RIGHT TO EDUCATION की आयु सीमा 6-14 वर्ष हैं उसे और अधिक प्रभावी बनाकर 6 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मुफ्त शिक्षा के अंदर लाना।
- बच्चे के मस्तिष्क विकास के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा अति महत्वपूर्ण होती हैं इसलिए प्रथमिक शिक्षा लेने से पहले पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर बल दिया जायेगा।
- वैश्विक स्तर पर शिक्षा स्थिति के अनुसार भारत की स्थिति पिछड़ी हुई है नयी शिक्षा नीति के द्वारा भारत अपनी वैश्विक स्तर पर शिक्षा के क्षेत्र में रैंकिंग सुधारना चाहता हैं।
मसौदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 के आधार पर नयी शिक्षा प्रणाली 2020 की मुख्य विशेषताएँ :-
स्कूल शिक्षा के लिए:-
2025 तक पूर्व प्राथमिक शिक्षा का सार्वभौमिक विकास
- आंगनवाड़ी को सक्रिय बनाना
- नए प्री स्कूल खोलना
- प्राथमिक शिक्षा के लिए लिंक
- मध्याहन भोजन कार्यक्रम विस्तार।
2025 तक सभी के लिए मूलभूत साक्षरता / संख्यात्मकता
- भाषा गणित -गुणवत्ता सामग्री पर ध्यान
- नेशनल टुइटर कार्यक्रम
- स्कूल की तैयारी मॉडल
- शिक्षक छात्र अनुपात 1:30
नया पाठ्यक्रम एवं संरचना
- 5+3+3+4 डिजाइन (उम्र 3-18)
- मूलभूत चरण (पूर्व प्राथमिक और ग्रेड 1-2 )
- प्रारंभिक चरण (ग्रेड 3-5)
- मध्य चरण (ग्रेड 6-8 )
- माध्यमिक चरण (ग्रेड 9-12)
- केवल शैक्षिक पुनर्संरचना , स्कूल की पुनर्संरचना नहीं।
पाठ्यक्रम और शिक्षा शास्त्र में परिवर्तन
- भाषा दक्षता , वैज्ञानिक स्वभाव ,सौन्दर्य बोध , नैतिक कर्म , डिजिटल साक्षरता ,भारत का ज्ञान ,सामयिकी विकास
- राष्ट्रीय पाठ्य चर्चा की रूपरेखा को सभी भाषाओँ में संशोधित किया जायेगा
- भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली पुस्तके
- लचीला एवं एकीकृत पाठयक्रम।
यूनिवर्सल एक्सेस एंड रिटेंशन
2030 तक सभी स्कूल शिक्षा के लिए 100 % सकल नामांकन अनुपात
- मौजूदा स्कूल प्रवेश में वृद्धि
- रेखांकित स्थानों में नयी सुविधाएं
- परिवहन छात्रावास सुविधायुक्त स्कूल
- उपस्थित ,ड्राप आउट ,स्कूल के बाहर के बच्चों और सीखने के परिणाम पर नज़र रखना।
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