" विद्यार्थी की शिक्षक को सीख "
शिक्षक कोई किताब पढने में व्यस्त थे, लेकिन उनका एक विद्यार्थी बार-बार आता और उल्टे-सीधे सवाल पूछ कर उन्हें डिस्टर्ब कर देता था शिक्षक के समझाने और डांटने का भी उस पर कोई असर नहीं पड़ रहा था। तब उन्होंने सोचा कि अगर बच्चे को किसी और काम में उलझा दिया जाए तो बात बन सकती है।
शिक्षक ने पास ही पड़ी एक पुरानी किताब उठाई और उसके पन्ने पलटने लगे। तभी उन्हें विश्व का मानचित्र छपा दिखाई दिया , उन्होंने तेजी से वो पेज फाड़ा और विद्यार्थी को बुलाया - देखो ये वर्ल्ड मैप है।
अब मैं इसे कई पार्ट्स में कट कर देता हूँ , तुम्हे इन टुकड़ों को फिर से जोड़ कर वर्ल्ड मैप तैयार करना होगा। और ऐसा कहते हुए उन्होंने ये काम उस विद्यार्थी को दे दिया।
विद्यार्थी तुरंत मैप बनाने में लग गया और शिक्षक यह सोच कर खुश होने लगे की अब वो आराम से दो-तीन घंटे किताब पढ़ सकेंगे। लेकिन ये क्या, अभी पांच मिनट ही बीते थे कि बच्चा दौड़ता हुआ आया और बोला , ये देखिये सर, मैंने मैप तैयार कर लिया है।
शिक्षक ने आश्चर्य से देखा, मैप बिलकुल सही था ,तुमने इतनी जल्दी मैप कैसे जोड़ दिया। यह तो बहुत मुश्किल काम था ? कहाँ सर , यह तो बिलकुल आसान था। आपने यह पेज दिया था उसके पिछले हिस्से में एक कार्टून बना था , मैंने बस वो कार्टून कम्प्लीट कर दिया और मैप अपने आप ही तैयार हो गया। और ऐसा कहते हुए वह बच्चा बाहर खेलने के लिए भाग गया और शिक्षक महोदय सोचते रह गए।
शिक्षा:- दोस्तों ,अनेक बार Life की Problems भी ऐसी ही होती हैं, सामने से देखने पर वह बड़ी भारी-भरकम लगती हैं, मानो उनसे पार मिलना संभव ही नहीं हो। लेकिन जब हम उनका दूसरा पहलू देखते हैं तो वही Problems आसान बन जाती हैं, इसलिए जब कभी आपके सामने कोई समस्या आये तो उसे सिर्फ एक नजरिये से देखने की बजाये अलग-अलग दृष्टिकोण से देखिये, क्या पता वो बिलकुल आसान बन जाए ।
" किसान और बेकरी वाला "
एक किसान था जो रोजाना एक बेकरी वाले को मक्खन दिया करता था। एक दिन बेकरी वाले ने सोचा कि चलो आज मक्खन को तौल कर के देखता हूँ कि जितना मक्खन मैंने माँगा था उतना मुझे मिलता है कि नहीं। और उस बेकरी वाले को पता लगा कि वह किसान पूरा मक्खन नहीं दे रहा था।
इस बात के लिये बेकरी वाले ने किसान को कोर्ट लेकर गया। कोर्ट में Judge ने किसान से पूछा कि तुम मक्खन का माप-तौल कैसे करते हो। किसान ने कहा -“जज साहिब मैं एक साधारण इंसान हूँ और मेरे पास माप-तौल के लिये कोई मशीन तो नहीं है इसीलिये एक तराजू को उपयोग में लेता हूँ।”
Judge ने पूछा - तुम तराजू में मापन के लिये क्या रखते हो ? किसान ने कहा “ जज साहिब कुछ समय पहले से ही यह बेकरी बाले ने मुझसे मक्खन लेना शुरू किया था और मैं इससे 1 किग्रा ब्रेड लेता था।” रोज जब बेकरी वाला मक्खन लेने आता था। तो वह मेरे लिये ब्रेड लेकर आता था और उसी ब्रेड के वजन से मैं इनको तौल के देता था। इसलिये अगर यहाँ कोई अपराधी है तो वह बेकरी वाला स्वयं ही है।
शिक्षा :- उपरोक्त कहानी से हमें यह सिख मिलती हैं कि हम दूसरों को जो देंगे, बदले में हमें वहीं मिलेगा। अतः दूसरों को जब भी कुछ दे, तो सोच-समझकर ही देना चाहिए क्योंकि वह कभी न कभी वापिस हमारे पास लौट कर आता ही हैं।
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